कोरोना वायरस से बचने का एक चमत्कारी मंत्र

कोरोना वायरस से बचने का एक चमत्कारी मंत्र

देश में इस समय हर जगह बस एक ही विषय पर चर्चा हो रही है, जी हां, हम जानते हैं आप समझ चुके है। हम बात कर रहे हैं कोरोना वायरस की। पूरी दुनिया में इसका असर देखने को मिल रहा है। तो वहीं भारत में भी इस वायरस से लोग परेशान होते दिखाई दे रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति अपने आप को अपने परिवार को इससे बचाने में लगा हुआ है। एक तरफ़ जहां इस दौरान लोग साफ़-सफ़ाई का खास ध्यान रख रहे हैं, तो दूसरी ओर लोग भगवान के आगे प्रार्थना करने में जुटे हैं कि वे उनकी इस महामारी से रक्षा करें। इसी बीच हम आपको बताने जा रहे हैं कोरोना वायरस से बचने का एक चमत्कारी मंत्र। जी हां, अगर आप इस मंत्र का जाप करते हैं तो आज से ही इस मंत्र का उच्चारण करना शुरू कर दीजिए।


तंत्र शास्त्र के अनुसार रोज़ाना सुबह शाम महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार या 27 बार जप करने से तो जप कर्ता की गंभीर से गंभीर बीमारी का नाश हो जाता है। अगर वर्तमान की बात करें तो कोरोना वायरस जैसी प्राण घातक बीमारी ने लोगों को जकड़ रखा है तो ऐसे में निमित्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करना चाहिए। माना जा रहा है इससे कोरोना रोग से मुक्ति मिल सकती है। ज्योतिषियों के अनुसार तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप संभव हो तो रुद्राक्ष की माला से ही करना चाहिए। इसके साथ ये बताया जाता है कि अगर जप के बाद 108 बार गाय के घी से हवन किया जाए तो रोगी के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार होने लगता है।


तांत्रिक बीजोक्त मंत्र-
।। ॐ ह्रौं जूं सः। ॐ भूर्भवः स्वः।

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनांन्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्‌।
स्वः भुवः भूः ॐ । सः जूं ह्रौं ॐ ।।


कोरोना वायरस ( Corona Virus ) से मुक्ति के लिए जप करते समय इन बातों का ध्यान ज़रूर रखें-


मंत्र जप करते समय उच्चारण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखें।
ध्यान रखें कि जितनी संख्या में जप का संकल्प लिया है निर्धारित समय में उसे पूरा कर लें।
मंत्र का उच्चारण ऐसे करें कि पास में बैठे व्यक्ति को भी सुनाई न दें। अगर मंत्र के जप का अभ्यास न हो तो धीमे स्वर में मंत्र का उच्चारण करें। इसके साथ ही इस बात का विशेष ख्याल रखें कि जप तक जप चलता रहे तब तक घी का दीपक एवं चंदन की धूप जलता रहें।
मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से, कुशा के आसन पर बैठकर ही करें।
ध्यान रखें कि जप करते समय आपका मुख पूर्व दिशा की तरफ़ ही हो।
मंत्र जाप पूरा होने का बाद दूध मिले जल से शिव जी का अभिषेक करें।


1- तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र जप करते समय उच्चारण की शुद्धता का पूरा ध्यान रखें।
2- मंत्र जप के जितनी संख्या में जप का संकल्प लिया है उतना ही निर्धारित समय में पूरा करें।
3- मंत्र का उच्चारण ऐसे कंरे की पास में बैठे व्यक्ति को भी सुनाई न दें। यदि अभ्यास न हो तो बहुत ही धीमे स्वर में जप करें ।
4- जप तक जप चलता रहे तब तक घी का दीपक एवं चंदन की धूप जलते रहना चाहिए।
5- रुद्राक्ष की माला से ही तांत्रिक बीजोक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
6- कुशा के आसन पर बैठकर ही जप करें।
7- जपकाल में आलस्य व उबासी को बिलकुल भी न आने दें।
8- जप करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ ही होना चाहिए।
9- जप पूरा होने के बाद दुग्ध मिले जल से शिवजी का अभिषेक करें।
उपरोक्त नियमों का पालन करते हुए संजीवनी महामृत्युंजय मंत्र के जप के प्रभाव से रोगी को दो-तीन दिन में ही लाभ होने लगेगा।

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