Lord Shiva

Pages
Articles
क्योंकि- रुतम्-दु:खम्, द्रावयति-नाशयतीतिरुद्र: यानि की भोले सभी दु:खों को नष्ट कर देते हैं। हमारे धर्मग्रंथों के अनुसार हमारे द्वारा किए गए पाप ही हमारे दु:खों के कारण हैं। रुद्रार्चन और रुद्राभिषेक से हमारे कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं और साधक में शिवत्व का उदय होता है तथा भगवान शिव का शुभाशीर्वाद भक्त को प्राप्त होता है और उनके सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि एकमात्र सदाशिव रुद्र के पूजन से सभी...
हालाहल प्राशन कर विश्वको विनाशसे बचानेवाले, देव व दानव दानोंद्वारा उपास्य, सहज प्रसन्न होनेवाले, भूतोंके स्वामी, नृत्य व नाट्य कलाओंके प्रवर्तक, योगमार्गके प्रणेता इत्यादि विशेषताओंसे युक्त महादेव अर्थात् भगवान शिव जगत्पिताके गौरान्विवित किए जाते हैं ।